इस्लामाबाद. कश्मीर समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत सरकार की पहल से पाकिस्तान में बेचैनी है। 29 सदस्यों का एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दो दिनों के दौर पर है। लेकिन लगता है कि पाकिस्तान को भारत की यह कोशिश अच्छी नहीं लग रही है। इस पहल के बाद पाकिस्तानी नेता अपनी संसद तक में आग उगल रहे हैं।
पाकिस्तानी सीनेट में विपक्ष के नेता वसीम सज्जाद ने एक प्रस्ताव पेश किया। इसका समर्थन सदन के नेता नय्यर हुसैन बुखारी ने किया। प्रस्ताव में कहा गया कि ‘भारत ने कश्मीर के जिस भूभाग पर कब्जा कर लिया है, वहां वह लोगों का भयंकर दमन कर रहा है। इस ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल ध्यान देना चाहिए।’
यही नहीं, प्रस्ताव में कश्मीर की अवाम को उनकी लड़ाई में हर तरह का समर्थन देने का वादा भी किया गया। बुखारी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खास कर मानवाधिकार संगठनों से मांग की कि वे ‘भारत के दमन’ की सच्चाई दुनिया के सामने लाने में सकारात्मक भूमिका निभाएं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इस इलाके में स्थायी शांति के लिए कश्मीर मसले का हल जरूरी है।
जम्मू-कश्मीर में जून से ही हिंसा का दौर जारी है और इसमें 100 से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस हिंसा को अलगाववादी और पाकिस्तान परस्त ताकतें शह दे रही हैं, इसका सुबूत भी मिल गया है। इसके बावजूद पाकिस्तानी संसद की विशेष समिति ने एक महीने में कश्मीर की स्थिति पर कम से कम 5 बयान जारी किए हैं। इस कड़ी में सबसे ताजा बयान 16 सितंबर को जारी किया गया है। और अब सोमवार (20 सितंबर) को संसद में बाकयदा प्रस्ताव पेश किया गया है।
No comments:
Post a Comment