वाशिंगटन. अमेरिका में एक पादरी द्वारा कुरान जलाए जाने की धमकी बाद अब एक किताब छपने जा रही है, जिसमें दावा किया गया है कि मुस्लिम समुदाय आजकल जो कुरान शरीफ पढ़ता है वह असली नहीं है।
अमेरिकी लेखिका टेरी केलहॉक ने अपनी किताब ‘द टॉपकापी सीक्रेट’ को हकीकत पर आधारित बताते हुए इसमें कुरान के असली होने पर सवालिया निशान लगाया है। अलबत्ता, वाशिंगटन के एक इमाम ने कहा है कि ऐसे दावे पहले भी किए जा चुके हैं इसलिए इससे मुसलमानों के अकीदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मुसलमानों को दृढ़ विश्वास है कि कुरान अल्लाह के शब्द हैं जो उन्होंने पैगंबर मुहम्मद साहेब के जरिये प्रकट किए हैं, लेकिन बीबीसी के अनुसार केलहॉक कहती हैं कि कुरान को कई बार बदला गया है। आज कुरान का जो संस्करण लोग पढ़ते हैं वह 1924 में काहिरा में प्रकाशित हुआ था और यह मूल कुरान से अलग है। वर्जीनिया के कारी इरशाद को कुरान पूरी तरह कंठस्थ है। उनका कहना है कि शुरू से ही कुरान को कंठस्थ याद करने की परंपरा रही है, इसलिए इसमें बदलाव संभव नहीं है।
शरिया का हिस्सा लेकिन कुरान में नहीं : केलहॉक का दावा है कि दुष्कर्म करने पर पत्थर मारने और मां का दूध पिलाने पर जो पंक्तियां प्रकट हुई थीं वे कुरान का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘पैगंबर के देहत्याग के बाद अव्यवस्था के माहौल में वे पंक्तियां खो गई थीं। आयशा (पैगंबर की पत्नी) के बिस्तर के नीचे वे पंक्तियां रखी थीं, जो आयशा के अनुसार एक जानवर खा गया। तो दुष्कर्म पर पत्थर मारने की सजा शरिया का हिस्सा है, लेकिन कुरान से गायब है।’
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